Saturday, 5 January 2019

Aasha Deep AK-018 5th January 2019




                         आशा दीप 
           AK-018 5th January 2019

         आँखों में समन्दर, लिए दिल में तूफ़ान |
         क्या सोच रहा है तू, ऐ माटी के इंसान ||
         रुकना न फितरत तेरी, माना मुश्किल इम्तिहान |
         काँटों पर चलकर ही मिलेगी, तुझे तेरी पहचान ||
         पथरीली हों राहें, और हो मुश्किलें तमाम |
         आशा दीप जलाता चल, हो न तू परेशान ||
         मंज़िल की ओर कदम बढ़ाना, चाहे हो थकान |
         सफर आसान बनाने, तेरे साथ चलेंगे भगवान ||  

--- पूजा

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