Friday, 15 June 2018

तूफान AK-010 15th June 2018



तूफान 
AK-010 15th June 2018

अकेले पेड़ों का तूफ़ान

फिर तेजी से तूफ़ान का झोंका आया
और सड़क के किनारे खड़े

सिर्फ एक पेड़ को हिला गया
शेष पेड़ गुमसुम देखते रहे

उनमें कोई हरकत नहीं हुई।
जब एक पेड़ झूम-झूम कर निढाल हो गया

पत्तियाँ गिर गयीं
टहनियाँ टूट गयीं

तना ऐंचा हो गया
तब हवा आगे बढ़ी

उसने सड़क के किनारे दूसरे पेड़ को हिलाया
शेष पेड़ गुमसुम देखते रहे

उनमें कोई हरकत नहीं हुई।
इस नगर में

लोग या तो पागलों की तरह
उत्तेजित होते हैं

या दुबक कर गुमसुम हो जाते हैं।
जब वे गुमसुम होते हैं

तब अकेले होते हैं
लेकिन जब उत्तेजित होते हैं

तब और भी अकेले हो जाते हैं।

No comments:

Post a Comment

जम्हूरीअत AK-019 20th May 2019 ik

जम्हूरीअत AK-019 20th May 2019 जम्हूरियत का नशा इस कदर हावी हुआ हर सख्स इंसानियत भूलकर हैवानी हुआ इस दौर मैं क्या होगा आगे मत पूछ म...